
रेलवे देश की जीवन रेखा है। भारतीय रेल ने न सिर्फ यात्री परिवहन में बल्कि माल ढुलाई में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। रेलवे प्रशासनिक स्तर पर अपने अलग-अलग मंडलों (Divisions) के माध्यम से ट्रेनों और स्टेशनों को चलाता है। हाल ही में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है, जिसके अनुसार सोनपुर मंडल से मुजफ्फरपुर जंक्शन सहित कई महत्वपूर्ण स्टेशनों का प्रशासनिक नियंत्रण समस्तीपुर मंडल को सौंप दिया जाएगा। रेलवे बोर्ड ने इसके लिए भी गजट नोटिफिकेशन जारी किया है।
यह बदलाव केवल स्टेशनों पर प्रशासनिक नियंत्रण नहीं बदलेगा; यह रेलकर्मियों की तैनाती, वरिष्ठता सूची और कर्मचारियों के विकल्प पर भी सीधा असर डालेगा। इस निर्णय से समस्तीपुर मंडल की सीमा और जिम्मेदारी बढ़ेगी, साथ ही कर्मचारियों को उनके भविष्य के लिए विकल्प चुनने का अधिकार मिलेगा। आइए जानें बदलाव और पूरी प्रक्रिया।
रेलवे बोर्ड का आदेश और गजट नोटिफिकेशन
रेल मंत्रालय से अनुमोदन मिलने के बाद, रेलवे बोर्ड ने एक आदेश जारी किया जिसके अनुसार सितंबर 2025 से सोनपुर मंडल से मुजफ्फरपुर जंक्शन सहित कई स्टेशनों को समस्तीपुर मंडल में स्थानांतरित किया जाएगा। आदेश जारी होते ही इसकी अधिसूचना भी जारी की गई। हस्तांतरण का औपचारिक आदेश उपमुख्य कार्मिक अधिकारी अजीत कुमार ने पूर्व मध्य रेलवे (ECR) के महाप्रबंधक और अपर महाप्रबंधक से प्राप्त किया।
क्रू लॉबी और रनिंग स्टाफ पर स्थिति
आदेश में स्पष्ट किया गया है कि सोनपुर मंडल अभी भी क्रू लॉबी और रनिंग स्टाफ (चालक, उपचालक, लोको पायलट आदि) के अधीन रहेगा। स्टेशन यानी प्रशासनिक स्तर पर समस्तीपुर के अधीन होंगे, लेकिन फिलहाल सोनपुर मंडल ही ट्रेनों का संचालन करेगा। रनिंग स्टाफ को दोनों डिवीजनों के वरिष्ठ डीओएम (Senior DOM), वरिष्ठ डीईई/ओपी (Senior DEE/OP) और वरिष्ठ डीपीओ (Senior DPO) के परामर्श से नियुक्त किया जाएगा। इसके लिए एक समन्वित रिपोर्ट बनाई जाएगी।
प्रशासनिक स्तर पर क्या बदलाव होंगे?
1. रनिंग पोस्ट को छोड़कर सभी पद समस्तीपुर मंडल के अधीन होंगे।
2. समस्तीपुर डिवीजन के BS में विभिन्न श्रेणियों के कैडर की संख्या बढ़ाई जाएगी।
3. 31 अगस्त तक, स्थानांतरण से जुड़े विभाग से कोई भी पद अंदर या बाहर नहीं भेजा जाएगा।
4. इस अवधि में भी प्रशासनिक स्थानांतरण (अंदर या बाहर) लागू नहीं होगा।
रेलकर्मियों के लिए विकल्प की व्यवस्था
रेलवे प्रशासन ने इस प्रक्रिया में कर्मचारियों को विकल्प प्रदान किया है। यदि कोई कर्मचारी चाहता है कि उनकी तैनाती सोनपुर मंडल में ही बनी रहे, तो वह लिखित में ऐसा कर सकता है। ऐसे कर्मचारी सिर्फ सोनपुर मंडल में रहेंगे। समस्तीपुर डिवीजन द्वारा रिलीवर की उपलब्धता और सोनपुर मंडल में रिक्तियों की स्थिति के अनुसार उनकी स्थानांतरण निर्धारित की जाएगी।
👉 विकल्प देने का समय 30 सितंबर 2025 है।
👉 सीनियर डीपीओ/एसईई इस कार्य को पूरा करेंगे।
नई वरिष्ठता सूची (Seniority List)
कर्मचारियों की वरिष्ठता एक महत्वपूर्ण प्रश्न है। इसलिए, रेलवे ने पहले ही बताया है कि— 15 नवंबर 2025 तक नई वरिष्ठता सूची जारी की जाएगी। समस्तीपुर डिवीजन के प्रशासनिक नियंत्रण में आए कर्मचारियों की वरिष्ठता उनकी गैर-आकस्मिक सेवा अवधि के आधार पर निर्धारित होगी। सितंबर 2025 तक की जानकारी ही इसमें होगी। इसका सीधा असर भविष्य की पोस्टिंग, पदोन्नति और प्रमोशन पर पड़ेगा।
जेडआरटीआई और अवसंरचना का रखरखाव
आदेश के अनुसार, Zonel Railway Training Institute (ZRTI) का मुख्यालय सोनपुर मंडल के प्रशासनिक नियंत्रण में रहेगा। लेकिन अब समस्तीपुर डिवीजन संबंधित अवसंरचना का रखरखाव करेगा।
क्यों किया गया यह बदलाव?
ऐसे प्रशासनिक बदलावों की कई वजहें हैं:
1. सुविधाजनक नियंत्रण: इन स्टेशनों के आसपास समस्तीपुर मंडल है।
2. सक्षम संचालन: यात्रियों को बेहतर सुविधा और त्वरित प्रशासनिक निर्णय मिलते हैं।
3. डिवीजन संतुलन एक मंडल पर अधिक लोड न हो और काम सुचारू रूप से विभाजित हो।
4. भविष्य के विचार नए परियोजनाओं, ट्रैक विस्तार और इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं का समन्वय
मुजफ्फरपुर जंक्शन का महत्व
मुजफ्फरपुर जंक्शन उत्तर बिहार का एक महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन है। यहां से दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और अहमदाबाद तक सीधी ट्रेनें हैं। हर दिन लाखों लोग यहां से गुजरते हैं। इससे समस्तीपुर मंडल की क्षमता और जिम्मेदारी दोनों बढ़ जाएगी।
कर्मचारियों पर असर
रेलवे कर्मचारियों पर इस बदलाव का सीधा असर होगा— स्थानांतरण के लिए भय नहीं— कोई भी पद अचानक बदल नहीं जाएगा। विकल्प करने का अधिकार कर्मचारी चाहे तो सोनपुर में रह सकते हैं।
वरिष्ठता सूची पर परिणाम 15 नवंबर तक नई लिस्ट मिलने के बाद प्रमोशन का रास्ता निर्धारित होगा। पोस्टिंग और तैनाती—पारदर्शिता के लिए संयुक्त रिपोर्ट ही निर्धारित होगी।
यात्रियों पर क्या असर होगा?
यात्रियों को इस बदलाव से कई लाभ मिल सकते हैं—
1. सुविधाओं में सुधार किया गया समस्तीपुर मंडल प्रशासनिक नियंत्रण में आने के बाद नए भवन और सुविधाएं बना सकता है।
2. आसान समन्वय: पास के मंडल के स्टेशन प्रबंधन के अधीन आने से समस्याओं का समाधान जल्दी होगा।
3. भविष्य की परियोजनाएँ: तेजी से इलेक्ट्रिफिकेशन, डबल लाइन और प्लेटफॉर्म विस्तार होंगे।
आने वाले दिनों की चुनौतियाँ
बदलाव हालांकि आसान नहीं होता। साथ ही, इस प्रक्रिया में कुछ चुनौतियाँ सामने आएंगी— कर्मचारी समायोजन— नई वरिष्ठता सूची तैयार करना और विकल्प करना कठिन होगा।
रनिंग कर्मचारियों पर दोहरी नियंत्रण स्टेशन समस्तीपुर के पास है, लेकिन ड्राइविंग स्टाफ सोनपुर के पास रहना कुछ परेशान कर सकता है। यात्रियों की उम्मीदें— यात्रियों को मंडल बदलने के बाद तुरंत सुधार की उम्मीद होगी।
निष्कर्ष
रेलवे ने सोनपुर से मुजफ्फरपुर जंक्शन और अन्य स्टेशनों को समस्तीपुर मंडल में प्रशासनिक हस्तांतरण किया है। इससे सोनपुर मंडल पर कम दबाव होगा और समस्तीपुर मंडल पर अधिक जिम्मेदारी होगी।
पारदर्शिता को बनाए रखने के लिए रेलकर्मियों को विकल्प देना और नई वरिष्ठता सूची बनाना महत्वपूर्ण कदम है। वहीं इस बदलाव से यात्रियों को बेहतर सुविधाओं और जल्दी सेवाओं की उम्मीद की जा सकती है।
यह फैसला रेलवे प्रशासन में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो आगे पूरे उत्तर बिहार की रेलवे व्यवस्था को और अधिक मजबूत बनाएगा।